ब्रॉडबैंड और वाई-फाई दो ऐसे शब्द हैं जो अक्सर एक दूसरे की जगह पर इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, ये दोनों दो अलग-अलग चीज़े हैं और इनको साफ तौर पर समझना ज़रूरी है ताकि आप अपनी इंटरनेट की बुनियादी बातों को बेहतर तरीके से समझ सकें।
इसे सरल तरीके से समझने के लिए, वाई-फाई तार के बिना ही रेडियो फ्रीक्वेंसी और सिग्नल का इस्तेमाल करके आंकड़ों को ट्रांसफर करने का काम करता है और ब्रॉडबैंड हाई स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए डेटा ट्रांसमिशन करता है।
ब्रॉडबैंड कनेक्शन क्या होता है?
ब्रॉडबैंड बड़े स्तर के बैंडविड्थ डेटा ट्रांसमिशन का काम करता है। इंटरनेट को ऐसे डेटा के रूप में सोच सकते हैं जो दो डिवाइस के बीच भेजा जा रहा होता है। इस तरीके से, ब्रॉडबैंड वह है रास्ता जिसके ज़रिये डेटा घूमता रहता है। आज के समय में अनेकों तरीके के ब्रॉडबैंड कनेक्शन होते हैं - ASL, DSL, केबल, फाइबर, आदि। सभी तकनीकों का मक़सद अपने इस्तेमाल करने वालों को हाई स्पीड इंटरनेट देना ही होता है। उदाहरण के लिए फाइबर ऑप्टिकल केबल अभी तक की सबसे बेहतरीन तकनीक है जो अपने इस्तेमाल करने वाले को सिमेट्रिकल स्पीड और हाई बैंडविड्थ देती है।
ब्रॉडबैंड कनेक्शन कैसे काम करता है?
ब्रॉडबैंड पुराने डायल अप कनेक्शन के ज़रिए इस्तेमाल की जाने वाली सिंगल लाइन के बजाय बहुत अधिक डेटा भेजने के लिए कई लाइनों का इस्तेमाल करके इंटरनेट देता है। यहां ब्रॉडबैंड का मतलब डेटा ट्रांसफर करने के लिए एक से अधिक बैंड का इस्तेमाल करना है।
साधारण शब्दों में, आप डायल अप को एक तरफ जाने वाली गली की तरह मान सकते हैं जिसमें एक समय में केवल एक ही गाड़ी आ जा सकती है वहीं ब्रॉडबैंड बहुत सारे लेन वाले एक हाई वे की तरह है जहां बहुत सारी गाड़ियां एक साथ आ जा सकती हैं। यहां हर गाड़ी आपको या दूसरी तरफ भेजा जाने वाला डेटा पैकेट है।
कई डेटा पैकेट को एक समय में पैरलल ट्रांसफर करने के लिए ब्रॉडबैड के ज़रिए इंटरनेट की स्पीड बढ़ाई जाती है।
वाई-फाई क्या है?
बुनियादी तौर पर वाई-फाई तकनीक दो डिवाइस के बीच बिना तार के सूचनाओं को भेजने और पाने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी और सिग्नल का इस्तेमाल करता है। वाई-फाई को उस ज़रिए के रूप में जाना जा सकता है जिसमें ब्रॉडबैंड तक बिना तार के पहुंचा जा सकता है। सभी वाईफाई कनेक्शंस दो फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करते हैं- 2.4GHz और 5GHz। 2.4GHz फ्रीक्वेंसी बैंड का इस्तेमाल लंबी दूरी और कम बैंडविड्थ के लिए किया जाता है, वहीं 5GHz फ्रीक्वेंसी बैंड का इस्तेमाल कम दूरी और बड़े बैंडविड्थ के लिए किया जाता है।
IEEEIE स्टैंडर्ड | फ्रीक्वेंसी | स्पीड | सीमा |
802.11 | 2.4GHz RF (रेडियो फ्रीक्वेंसी) | 1 से 2Mbps | 20 फीट इंडोर |
802.11a | 5GHz | 54Mbps तक | 25 से 75 फीट |
802.11b | 2.4GHz | 11Mbps तक | 150 फीट तक |
802.11g | 2.4GHz | 54Mbps तक | 150 फीट तक (दीवार या और चीजें सीमा पर असर डालती हैं) |
802.11n | 2.4GHz और 5GHz | 600Mbps तक | 175+ फीट (दीवार या और चीजें सीमा पर असर डालती हैं) |
वाई-फाई कनेक्शन कैसे काम करता है?
सभी वाईफाई कनेक्शंस दो फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करते है - 2.4GHz और 5GHz दो साधारण स्टेप में - डेटा भेजना और प्राप्त करना। सबसे पहले आपके राउटर और मॉडम तक जानकारी पहुंचाने के लिए इंटरनेट तक जाने के लिए एक गुज़ारिश भेजी जाती है। उसके बाद, ज़रूरी जवाब मॉडम के ज़रिए राउटर को वापस भेज दी जाती है। इसके बाद राउटर बेतार से डिवाइस को वापस सूचना भेज देता है।
ब्रॉडबैंड और वाई-फाई के बीच क्या अंतर है?
ब्रॉडबैंड आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के ज़रिए आपको दिया गया एक तरीके का इंटरनेट कनेक्शन है। वाई-फाई एक तकनीक है और इंटरनेट तक पहुंचने के लिए ब्रोडबैंड को जोड़ने का एक ज़रिया है। आपके राउटर और मॉडम को जोड़ने वाली LAN केबल के ज़रिए आपके ब्रॉडबैंड तक पहुंच सकते हैं। हालांकि, वाई-फाई कनेक्शन का फ़ायदा दो डिवाइस के बीच बिना फिजिकल कनेक्शन के जानकारी पहुंचाने की क़ाबिलियत है।
अगर आप अपने घर या ऑफिस के लिए हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन लेने की सोच रहे हैं, आप ACT Fibernet’s इंटरनेट प्लान के बारे में यहां देख सकते हैं।
अपने वाई-फाई की स्पीड को बढ़ाने के लिए आप यहां से टिप्स और ट्रिक्स पढ़ सकते हैं।
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